“इसका एक संभावित कारण आईपीएल मालिकों द्वारा द हंड्रेड टीमों में हिस्सेदारी हासिल करना हो सकता है।”
द हंड्रेड ड्राफ्ट में 50 पाकिस्तानी खिलाड़ियों को नहीं मिला खरीदार, कई सवाल खड़े हुए50-pakistan-cricketers-find-no-takers-in-hundred-draft
द हंड्रेड ड्राफ्ट में शामिल सभी 50 पाकिस्तानी क्रिकेटरों को किसी भी टीम ने नहीं खरीदा, जिससे चयन प्रक्रिया और फ्रैंचाइज़ी टीमों की बदलती रणनीतियों पर चर्चा छिड़ गई है। पाकिस्तान की सफेद गेंद क्रिकेट में शानदार प्रतिष्ठा के बावजूद, एक भी पाकिस्तानी खिलाड़ी को इस टूर्नामेंट में जगह नहीं मिली, जिससे कई विशेषज्ञ इस अनदेखी के कारणों को लेकर अटकलें लगा रहे हैं।
इसकी एक बड़ी वजह आईपीएल फ्रैंचाइज़ मालिकों की द हंड्रेड में बढ़ती हिस्सेदारी को माना जा रहा है। हाल ही में कई आईपीएल टीम मालिकों ने इंग्लैंड की इस लीग में हिस्सेदारी खरीदी है, जिससे ड्राफ्ट प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के भाग न लेने की परंपरा को देखते हुए अब ऐसा लगता है कि यह प्रभाव अन्य लीगों तक भी पहुंच रहा है।
इसके अलावा, पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के कारण खिलाड़ियों की उपलब्धता भी एक अहम मुद्दा हो सकता है। द हंड्रेड का आयोजन पाकिस्तान के क्रिकेट शेड्यूल से टकरा रहा है, जिससे टीमों ने ऐसे खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी, जो बिना किसी बाधा के पूरे टूर्नामेंट में खेल सकें। वहीं, इंग्लैंड और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के बीच बीते समय में हुए विवाद भी इस फैसले को प्रभावित कर सकते हैं।
इस फैसले से पाकिस्तान के खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रेमियों में निराशा है। यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या यह पूरी तरह से क्रिकेट से जुड़ा फैसला था, या फिर इसमें राजनीतिक और व्यावसायिक हित भी शामिल हैं। पाकिस्तान लगातार बेहतरीन टी20 खिलाड़ी तैयार कर रहा है, लेकिन द हंड्रेड में उनकी गैरमौजूदगी दिखाती है कि अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में निजी फ्रैंचाइज़ियों का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।